संस्कृत केवल भाषा नही, विश्व की आत्मा है, संस्कृत महानायक आज़ाद
संस्कृत के अंतरराष्ट्रीय राजदूत, अहं ब्रह्मस्मि के उद्घोष से पूरे सनातन विश्व को जीवित, जाग्रत, उन्नत, प्राणवंत और पुनर्स्थापित करने...
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